जीएस पेपर: III
अंतरिम बजट 2024-25
खबरों में क्यों?
एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र और ‘सबका प्रयास’ के संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ संसद में आज अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
सामाजिक न्याय
- चार प्रमुख वर्गों यानी गरीब, महिलाएं, युवा एवं अन्नदाता (किसान) को ऊपर उठाने पर प्रधानमंत्री का फोकस।
‘गरीब कल्याण, देश का कल्याण’
- पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर आने में मदद की।
- पीएम-जनधन खातों के उपयोग से बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष हस्तांतरण। इससे सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई।
- पीएम-स्वनिधि के तहत 78 लाख फेरी वालों को ऋण सहायता। 2.3 लाख फेरी वालों को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ।
- पीएम-जनमन योजना के जरिए विशेष तौर पर कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के विकास पर जोर।
- पीएम-विश्वकर्मा योजना के तहत 18 व्यवसायों से जुड़े कारीगरों एवं शिल्पकारों को एंड-टू-एंड मदद।
‘अन्नदाता’ का कल्याण
- पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
- पीएम-फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों को फसल बीमा उपलब्ध कराई गई।
- इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट (ई-नाम) के तहत 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए की खरीद-फरोख्त के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं उपलब्ध।
नारी शक्ति पर जोर
- 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए।
- उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ा।
- स्टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
- पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण)
- कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जाएगा।
- अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों का लक्ष्य लिया जाएगा।
छत पर सौर प्रणाली लगाना (रूफटॉप सोलराइजेशन) और निशुल्क बिजली
- छत पर सौर प्रणाली लगाने से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे।
- हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपए की बचत होने का अनुमान।
आयुष्मान भारत
- आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और रोजगार के 10 लाख अवसरों का सृजन हुआ है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम के औपचारिकीकरण योजना से 2.4 लाख स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) और 60,000 लोगों को ऋण सुविधा प्राप्त करने में मदद मिली है।
आर्थिक उन्नति रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार
- 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा। इस कोष से दीर्घकालिक वित्त पोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
बुनियादी ढांचा
- बुनियादी ढांचा के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगी।
रेलवे
- लॉजिस्टिक्स कुशलता को बेहतर करने और लागत घटाने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है।
- ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा
- पत्तन संपर्कता गलियारा
- अधिक यातायात वाले गलियारा
- 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।
विमानन क्षेत्र
- देश में हवाई अड्डों की संख्या 149 पर हुई दोगुनी।
- 517 नए हवाई मार्ग 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं।
- देश की विमानन कंपनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए।
हरित ऊर्जा
- वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी।
- परिवहन के लिए कम्प्रस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध अधिदेशात्मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।
पर्यटन क्षेत्र
- राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केन्द्रों का संपूर्ण विकास शुरू करने, उनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- पर्यटन केन्द्रों को वहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा।
- इस प्रकार की गतिविधियों का वित्त पोषण करने के लिए राज्यों को मैचिंग के आधार पर ब्याज मुक्त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा।
निवेश
- वर्ष 2014 से 2023 के दौरान एफडीआई का अंतर्प्रवाह 596 अरब डॉलर रहा, जो वर्ष 2005 से 2014 के दौरान हुए एफडीआई अंतर्प्रवाह के मुकाबले दोगुना है।
‘विकसित भारत‘ के लिए राज्यों में सुधार
- राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव।
संशोधित अनुमान (आरई) 2023-24
- उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपए है।
- कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है।
- 30.03 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था में मजबूत विकास दर और इसके औपचारीकरण को दर्शाता है।
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 5.8 प्रतिशत है।
बजट अनुमान 2024-25
- उधारी से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपए और 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
- राज्यों के पूंजीगत व्यय के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण योजना कुल 1.3 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ इस वर्ष भी जारी रखी जाएगी।
- वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- वर्ष 2024-25 के दौरान डेटेड सिक्योरिटीज़ के जरिए सकल एवं शुद्ध बाजार उधारी क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपए और 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान।
प्रत्यक्ष कर
- वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखने का प्रस्ताव किया
- पिछले 10 साल के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह तिगुना, रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ी
- सरकार करदाता सेवाओं में लाएगी सुधार
- वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़ी 25 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
- वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की 10 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
- इससे एक करोड़ करदाताओं को होगा लाभ
- सावरेन वेल्थ फंड अथवा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश, स्टार्टअप के लिए कर लाभ 31.03.2025 तक बढाया गया
- आईएफएससी इकाईयों की कुछ आय पर कर रियायत को एक साल बढ़ाकर 31.03.2024 से 31.03.2025 किया गया
अप्रत्यक्ष कर
- वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष करों और आयात शुल्कों की वर्तमान दरों को बकरार रखने का प्रस्ताव किया
- जीएसटी ने देश में पूरी तरह बिखरी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया
- इस साल औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये हुआ
- जीएसटी कर आधार दोगुना हुआ
- राज्यों का राज्य जीएसटी राजस्व वृद्धि अनुपात (राज्यों को दी गई क्षतिपूर्ति सहित) जीएसटी से पहले की अवधि (2012-13 से 2015-16) के 0.72 से बढ़कर जीएसटी लागू होने के बाद की अवधि (2017-18 से 2022-23) के दौरान 1.22 हो गया
- उद्योग जगत के 94 प्रतिशत उद्यमियों के अनुसार जीएसटी व्यवस्था काफी कुछ सकारात्मक रही है
- जीएसटी से आपूर्ति श्रृंखला युक्तिसंगत बनी
- जीएसटी से व्यापार और उद्योग पर अनुपालन बोझ कम हुआ
- लॉजिस्टिक लागत और करों में कमी से वस्तु और सेवाओं के मूल्य घटने से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा
पिछले वर्षों के दौरान कर व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने के प्रयास
- वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 2.2 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त थी, वहीं अब सात लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देनदारी नहीं।
- खुदरा व्यवसायों के अनुमानित कराधान के लिए कारोबार सीमा को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये किया गया
- पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया
- वर्तमान घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई
- विनिर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर कर दर 15 प्रतिशत रखी गई
करदाता सेवाओं की उपलब्धियां
- कर रिटर्न प्रोसेस करने की औसत समय-सीमा 2013-14 के 93 दिन से घटकर दस दिन रह गई
- बेहतर दक्षता के लिए चेहरा रहित आकलन और अपील की शुरूआत की गई
- रिटर्न दाखिल करने के काम को सरल बनाने के लिए नया 26 एएस फार्म और पहले से भरे गये टैक्स रिटर्न विवरण के साथ इनकम टैक्स रिटर्न को अद्यतन किया गया
- सीमा शुल्क सुधारों से आयतित माल छोड़ने के समय में आई कमी
- अंतर्देशीय कंटेनर डिपो में यह 47 प्रतिशत घटकर 71 घंटे रह गया
- एयर कार्गो परिसरों में यह 28 प्रतिशत घटकर 44 घंटे रह गया
- समु्द्री बंदरगाहों पर 27 प्रतिशत घटकर 85 घंटे रह गया
जीएस पेपर – III
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य कवर
खबरों में क्यों?
- अंतरिम केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य कवर सभी मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों तक बढ़ाया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र की पहल के बारे में
- स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए, मंत्री ने कहा कि भारत टीकाकरण के प्रबंधन और मिशन इंद्रधनुष के गहन प्रयासों के लिए नए डिजाइन किए गए यू-विन प्लेटफॉर्म की सेवाएं लाएगा।
- इस क्षेत्र में अन्य प्रमुख वृद्धि में छात्रों को मेडिकल सीटें प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों के तहत मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग करना और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के लिए एचपीवी टीकाकरण को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- सरकार ने मातृ एवं शिशु देखभाल के लिए विभिन्न योजनाओं को संयोजित करने और उन्हें तालमेल के लिए एक व्यापक कार्यक्रम के तहत लाने का भी प्रस्ताव रखा।
कौशल प्रशिक्षण
- मंत्री ने कहा कि, कौशल भारत मिशन के हिस्से के रूप में, युवाओं को 15 नवनिर्मित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान सहित विभिन्न विश्व स्तरीय संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- कई युवाओं की महत्वाकांक्षा डॉक्टर बनने की होती है। उनका लक्ष्य बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से हमारे लोगों की सेवा करना है। हमारी सरकार विभिन्न विभागों के तहत मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बना रही है।
- मंत्री ने कहा कि भू-राजनीतिक रूप से, वैश्विक मामले युद्धों और संघर्षों के साथ अधिक चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं।
- वैश्वीकरण को पुनर्भरण और मित्रता, आपूर्ति शृंखलाओं के विघटन और विखंडन और महतवपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकियों के लिए प्रतिस्पर्धा के साथ पुनर्परिभाषित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा, ”कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था उभर रही है।”
- बजट में ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन की भी घोषणा की गई और पोषण वितरण, प्रारंभिक बचपन देखभाल और विकास में सुधार के लिए पोषण 2.0 में तेजी लाई जाएगी।
जीएस पेपर – III
उर्वरक सब्सिडी में गिरावट तय, खाद्य सब्सिडी में बढ़ोतरी देखी गई
- केंद्र ने स्पष्ट रूप से उम्मीद करते हुए उर्वरक सब्सिडी कम कर दी है कि यूक्रेन में स्थिति में सुधार और घरेलू उत्पादन में वृद्धि से स्थिति को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।
- उर्वरक और रसायन मंत्रालय दावा किया है कि यूरिया जैसे आवश्यक उर्वरकों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि से उर्वरक सब्सिडी में कमी आएगी।
बजट आवंटन
- इस बजट में उर्वरक विभाग के लिए आवंटन 1,64,150.81 करोड़ रुपये है। पिछले बजट में यह 1,75,148.48 करोड़ रुपये था . पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में यह 1,88,947.29 करोड़ रुपये था.
- 2022-23 में वास्तव में उपयोग की गई राशि 2,51,369.18 करोड़ रुपये थी, जिसमें अनुमान है कि व्यय का बड़ा हिस्सा स्वदेशी और आयातित यूरिया के भुगतान के लिए था।
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में घोषणा की कि नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाने के बाद, विभिन्न फसलों पर नैनो डी अमोनियम फॉस्फेट (नैनो डीएपी) के अनुप्रयोग का विस्तार सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महामारी ने दुनिया के लिए भोजन, उर्वरक, ईंधन और वित्त का संकट पैदा कर दिया है, जबकि भारत ने सफलतापूर्वक अपना रास्ता निकाला।
- बजट में घोषित विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के अनुप्रयोग के विस्तार से टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह भारत को उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा
खाद्य सब्सिडी में बढ़ोतरी देखी गई
- पिछले वर्ष की तुलना में खाद्य सब्सिडी आवंटन में वृद्धि देखी गई है। कुल खाद्य सब्सिडी में रु. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के लिए 2,05,250 करोड़ रुपये और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देय चीनी सब्सिडी के लिए 1 लाख करोड़ रुपये। पिछले बजट में राशि 1,97,350 करोड़ थी, जबकि 2022-23 में वास्तविक खर्च 2,72,802.38 करोड़ रुपये था.
- 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन से भोजन की चिंता दूर हुई है। “ अन्नदाता ‘ [खाद्य प्रदाताओं या किसानों] की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य समय-समय पर उचित रूप से बढ़ाया जाता है।
- इनसे और बुनियादी आवश्यकताओं के प्रावधान से ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक आय में वृद्धि हुई है। उनकी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है, जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियाँ पैदा होंगी।
जीएस पेपर – III
नौकरी गारंटी योजना के लिए शुद्ध शून्य लाभ
खबरों में क्यों?
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के लिए 86,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए योजना के बजट में 2023-24 के बजट अनुमान की तुलना में 26,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है । हालाँकि यह चालू वित्तीय वर्ष (2023-24) के संशोधित अनुमान के समान ही है। इसलिए, ग्रामीण रोजगार योजना का शुद्ध लाभ शून्य या नकारात्मक भी हो सकता है।
रोजगार गारंटी योजना के बारे में
- केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कार्यक्रम पर अब तक कुल 88,309.72 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार, 1 फरवरी तक केंद्र पर रु. राज्य सरकारों को वेतन मद में 16,000 करोड़ रूपये दिए है
- सरकार ने तर्क दिया है कि मनरेगा एक गतिशील योजना है और बकाया का भुगतान चक्रीय रूप से किया जाता है। लेकिन पिछले दो वर्षों से, केंद्र ने योजना के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार का दावा करते हुए पश्चिम बंगाल में कार्यक्रम रोक दिया है। केंद्र पर राज्य का करीब 7,000 करोड़ रुपये बकाया है.
- 2024 का बजट कार्यक्रम के लिए बजट में कटौती की निरंतर प्रवृत्ति को तोड़ता है। 2023 के बजट में, केवल 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जो कि 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 18% कम था और योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 89,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 33% कम था।
मनरेगा कार्यक्रम के लिए आवंटन का रुझान
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- सरल गणना बताती है कि इस कार्यक्रम के तहत 5.6 करोड़ परिवारों को पंजीकृत किया गया है, यह राशि एक वर्ष में अधिकांश काम पर 25 से 30 दिनों के लिए प्रदान कर सकती है।
- आवंटन पिछले बकाया को साफ करने के बजट के 15 से 20% खर्च करने की प्रवृत्ति को आगे बढ़ाता है, वर्तमान मामले में इसमें रु। पश्चिम बंगाल सरकार पर 7,000 करोड़ रुपये का बकाया है। “मनरेगा के तहत पंजीकृत परिवारों की रोजगार जरूरतों को पूरा करने के लिए, एक महत्वपूर्ण Rs.3 लाख करोड़ आवश्यक है।
- हालांकि, आवंटित बजट केवल रुपये में काफी कम हो जाता है। 86, 000 करोड़ रु. पश्चिम बंगाल में बकाया राशि को ध्यान में रखते हुए और इस वर्ष राज्य में श्रमिकों के लिए अतिरिक्त कार्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, पिछले बकाया राशि को चुकाने पर खर्च किए जा रहे बजट के 15 से 20% के ऐतिहासिक रुझान के साथ, आवंटन तेजी से अपर्याप्त लगता है।
- यह कमी गंभीर चिंता पैदा करती है क्योंकि यह न केवल मनरेगा के तहत काम करने के गारंटीकृत अधिकार को खतरे में डालती है, बल्कि इस मौलिक अधिकार का घोर उल्लंघन भी करती है।
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‘तीव्र जनसंख्या वृद्धि’ और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए समिति
खबरों में क्यों?
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान कहा कि सरकार तेजी से जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों को समझने के लिए एक समिति स्थापित करेगी।
- सरकार तेजी से जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर व्यापक विचार के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन करेगी। समिति को इन चुनौतियों से निपटने के लिए सिफारिशें प्रदान करने का काम सौंपा जाएगा।
क्या करेगी कमेटी?
- इस समिति को उन चुनौतियों पर व्यापक विचार करने और विशिष्ट सिफ़ारिशें पेश करने का अधिकार होगा
- हालाँकि यह इस सवाल पर विशेष रूप से टिप्पणी नहीं करता है कि क्या समिति का जनादेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक जैसा होगा।
भारत की जनसंख्या:
- संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, भारत अप्रैल 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया।
- जबकि चीन की जनसंख्या का आकार 2022 में चरम पर था, बाद में इसमें गिरावट आई है और सदी के अंत तक 1 अरब से नीचे आने की उम्मीद है।
- इस बीच, आने वाले दशकों में भारत की जनसंख्या बढ़ती रहेगी, जिसमें 35 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति इसकी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा होंगे।
- भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है; अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, कुल जनसंख्या का लगभग 66% (808 मिलियन से अधिक) 35 वर्ष से कम आयु के हैं।
- संगठन के आंकड़े यह भी संकेत देते हैं कि अगले दशक में भारत के कार्यबल में प्रति वर्ष 8 मिलियन व्यक्तियों की वृद्धि होने की उम्मीद है।
बिल से सम्बंधित प्रयास:
- 2019 में, भाजपा सांसद संजीव बालियान, जो बाद में केंद्रीय मंत्री बने, ने कहा कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण विधेयक तैयार करने पर काम कर रही है। लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अधिकांश समस्याओं का मूल कारण इसकी “जनसंख्या की अनियंत्रित वृद्धि” है।
- 2022 में, एक अन्य भाजपा सांसद, राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में अपना जनसंख्या विनियमन विधेयक पेश किया। बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने बिल वापस ले लिया।
- सिन्हा ने उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधानों के साथ दो बच्चों का नियम लागू करने की मांग की थी।
- भाजपा सांसद ने अपना विधेयक वापस लेते हुए कहा कि सरकारी प्रयास “संवैधानिक तरीके से किए जा रहे हैं और हम आपातकाल को दोहराना नहीं चाहते हैं”, संजय गांधी द्वारा 1976 में जनसंख्या वृद्धि को सीमित करने के लिए शुरू किए गए अनिवार्य नसबंदी कार्यक्रम का जिक्र करते हुए।
जीएस पेपर – III
रूफटॉप सोलराइजेशन
खबरों में क्यों?
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 में महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की, जिससे देश के लिए हरित अर्थव्यवस्था बनने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- हरित पहल का मुख्य आकर्षण रूफटॉप सोलराइजेशन था, जिसका लक्ष्य एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना था।
रूफटॉप सोलराइजेशन क्या करेगा?
- रूफटॉप सोलराइजेशन के माध्यम से, एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
- अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के ऐतिहासिक दिन पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प का अनुसरण करती है ।
- देश के ऊर्जा परिवर्तन में भारतीय नागरिकों को सक्रिय रूप से शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है।
- ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के विश्लेषण के अनुसार, यह पहल 20-25 गीगावॉट छत सौर क्षमता की स्थापना का समर्थन कर सकती है, जिससे एक करोड़ परिवारों को लाभ होगा।
- सीईईडब्ल्यू ने अगले 25 वर्षों में बिजली वितरण कंपनियों के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की संभावित बचत का अनुमान लगाया है।
क्या है पीएम सूर्योदय योजना:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत देशभर में एक करोड़ घरों पर सोलर पैनल लगाने की योजना की घोषणा की थी।
- अयोध्या में भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (अभिषेक समारोह) पूरा करने के बाद प्रधान मंत्री द्वारा लिया गया यह पहला निर्णय था।
- राज्य संचालित ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को प्रधान मंत्री सूर्योदय योजना के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है, जिसका लक्ष्य 10 मिलियन घरों में छत पर सौर प्रणाली स्थापित करना है।
- रूफटॉप सोलर में किसी भवन या घर की छत पर सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) पैनलों की स्थापना शामिल है।
- प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना, एक नई योजना जिसका उद्देश्य निम्न और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को रूफटॉप सोलराइजेशन स्थापना के माध्यम से बिजली प्रदान करना है।